नई दिल्ली। यौन उत्पीडऩ के आरोप मामले में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पटियाला हाऊस जिला अदालत में याचिका दायर की थी जिस पर आज सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी। वहीं इस घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (छै।) अजीत डोभाल आज केंद्रीय मंत्री से मिलने उनके घर पहुंचे। अकबर से मुलाकात के बाद डोभाल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे। हालांकि डोभाल ने दोनों नेताओं से मुलाकात क्यों की इसकी जानकारी नहीं है।भाजपा के मंत्री ने कहा कि आरोपी (रमाणी) ने शिकायतकर्ता (अकबर) को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ झूठे, आपत्तिजनक और द्वेषपूर्ण लांछन लगाए, जिनकी एकमात्र गुप्त मंशा शिकायतकत्र्ता की प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है और इसमें उनके निहित स्वार्थ तथा एजेंडा है। अकबर के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए रमाणी ने एक बयान में कहा कि वह मानहानि के आरोपों का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई महिलाओं द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय वह डरा-धमकाकर और प्रताडि़त करके उन्हें चुप कराना चाहते हैं। अकबर पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाने वाली महिलाओं में प्रिया रमाणी, गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजू भारती और शुतापा पॉल शामिल हैं। अकबर ने हाल ही में उन पर करीब 20 साल पहले यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमाणी के खिलाफ सोमवार को पटियाला हाऊस अदालत में आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की। विदेश राज्यमंत्री अकबर ने कहा कि रमानी ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से आरोप लगाए, जिनकी मंशा उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है। अकबर ने लॉ फर्म ‘करनजावाला एंड कंपनी’ के जरिए पटियाला हाउस जिला अदालत में याचिका दायर की और ‘वकालतनामा’ में 97 वकीलों के नाम दिए, जिन्हें अकबर का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किया गया है। मंत्री ने पत्रकार के खिलाफ मानहानि से जुड़े दंडात्मक प्रावधान के तहत मुकद्दमा चलाने का अनुरोध किया।ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी (रमाणी) ने द्वेषपूर्ण तरीके से कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे वह मीडिया में बेरहमी के साथ फैला रही हैं। यह भी स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ झूठी बातें किसी एजेंडे को पूरा करने के लिए प्रायोजित तरीके से फैलाई जा रही हैं।
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